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भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाजरा, ज्वार और धान के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के समस्त इंतजाम चाक-चौबन्द रखे जायें। किसी भी स्थिति में किसानों को दिक्कत नहीं होनी चाहिये। कलेक्टर्स प्रतिदिन उपार्जन की रिपोर्ट दें और निरन्तर भ्रमण कर उपार्जन व्यवस्था को सुचारू रखें। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और संबंधित अधिकारी मौजूद थे।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुरैना जिले में बाजरा उपार्जन बाजरा व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाजरा खरीदी केन्द्रों में तत्काल आवश्यकतानुसार बारदाना उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। किसानों का एक-एक दाना बाजरा समर्थन मूल्य पर खरीदा जाये। खरीदी, परिवहन, बारदाना और कृषकों को भुगतान आदि व्यवस्था हर स्थिति में चाक-चौबन्द रखी जाये। बाहर के राज्यों से बाजरा लेकर आने वाले ट्रकों तथा बाजरे को राजसात कर कड़ी कार्रवाई की जाये। अधिकारी उपार्जन केन्द्रों में भविष्य में होने वाली बाजरा की आवक का आंकलन कर अग्रिम रूप से सभी इंतजाम सुनिश्चित करें।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं जनता और किसानों के लिये कार्य कर रहा हूँ। किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसानों से स्वयं मिलकर बात करूंगा। उनकी तकलीफ जानकर उसे दूर करूंगा। उन्होंने निर्देश दिए कि भोपाल से सीधे फोन पर किसानों से बात की जाये और उनकी उपार्जन से जुड़ी समस्याओं की जानकारी लें और उसका तत्काल निराकरण भी किया जाए।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि धान का विपुल उत्पादन हुआ है। उत्पादन को देखते हुये धान उपार्जन में बारदानें, परिवहन तथा समय पर भुगतान की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपार्जित धान का परिवहन बढ़ाने तथा किसान के खाते में उसकी फसल की भुगतान राशि तीन दिन के भीतर जमा कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आवश्यकतानुसार धान खरीदी केन्द्रों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।


बैठक में बताया गया कि 97 हजार मीट्रिक टन बाजरा का समर्थन मूल्य पर उपार्जन हो चुका है। 29 नवम्बर और 30 नवम्बर को बाजरा उपार्जन केन्द्रों में 900-900 गठान बारदाना की उपलब्धता, एक दिसम्बर और 2 दिसम्बर को 500-500 गठान बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी। अभी 9 हजार 638 किसानों से बाजरा की खरीदी शेष है। करीब 38 हजार 400 कृषकों ने समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए पंजीयन कराया था।

“दो गज की दूरी-मास्क है जरूरी”

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